लोकतांत्रिक समानता की अवधारणा
...शासनिक प्रबन्धन अंग्रेज़ों ने सिर्फ भय और रौब रुतबा बनाए रखने के लिए स्थापित किया था। वही भय और रौब रुतबा हमारी सभी सरकारों ने जानबूझ कर बनाए रखा है, तोड़ा नहीं। आखिर ये लोग भी सिर्फ शासन ही करना चाहते हैं। भ्रष्टाचार साथ जुड़ जाने से रौब रुतबे में सम्पन्नता की चमक भी आई है। अंग्रेज़ दूर से ही अलग पहचाने जाते थे। इन्हें भी दूर से अलग पहचाने जाने लायक कुछ चाहिए था जो लोगों से इन्हें अलग थलग रख सके। इस पद्घति में आमूल चूल परिवर्तन की आवश्यकता थी। अफसर सभी देशों में होते हैं। अफसरशाही सिर्फ हमारे यहां है। वे अपनी गोपनीयता और अदृश्यता में दुनिया के सभी ब्यूरोक्रेटस को लज्जित कर सकते हैं।