alsoreadकविता

तुम हो मेरी राह जिस तरफ बढ़ो

तुम हो मेरी राह जिस तरफ बढ़ो

तुम हो मेरी राह जिस तरफ बढ़ो
मैं उसी तरफ कदम बढ़ाऊंगा
तुम हो मेरे देव जिस जगह सजो
मैं वहीँ पे जा कर पूज आऊँगा
मैं आ रहा हूँ दूर से ही तुम मुझे पुकार लो
मैं गिर रहा हूँ देख लो बढ़ो मुझे संभाल लो
मैं चल रहा हूँ हर पड़ाव छोड़ कर बिना रुके
गुजर गया हूँ मंदिरों के सामने बिना झुके
तुम असीम व्योम में जहाँ सजोगे चाँद बन
मैं वही चकोर सा तुम्हारे गीत गाऊंगा
तुम हो मेरी राह जिस तरफ बढ़ो।।

कृष्ण किशोर    आयु 16

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